किसान आंदोलन हाई जैक, असामाजिक तत्व घुस चुके

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच कोई आम सहमति बनती नहीं दिख रही है। हाल में किसानों के एक समूह ने उमर खालिद, शरजील इमाम जैसे कई लोगों की रिहाई की मांग की तो आंदोलन पर ही सवाल उठने लगे। सोशल मीडिया पर वो तस्वीरें वायरल हुईं तो बात सरकार पर तक पहुंची। इसके बाद केंद्र के कई मंत्रियों ने आगे आकर किसान आंदोलन 'हाइजैक' किए जाने की बात की। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए बातचीत का रास्ता 24 घंटे खुला रखा है लेकिन कुछ संगठनों के दबाव में गाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रही है। उन्होंने साफ कहा कि कुछ वामपंथी संगठनों ने किसानों के आंदोलन में अपनी पैठ बना ली है और आंदोलन के नाम पर राजनीति हो रही है। यहां तक कि किसानों की भीड़ में दिल्ली में दंगा कराने वालों के पोस्टर दिखाए जा रहे हैं और उनकी रिहाई की भी मांग की जा रही है। इसका क्या मतलब निकाला जाए।